۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा /  मुसलमानों की अपने धर्म के शत्रुओं से मित्रता समाप्त करके शत्रुता का अंत करना। यदि मोमिन ईश्वर के आदेशों के अनुसार कार्य करें तो मोमिन समुदाय के सामने अविश्वास का मोर्चा कमजोर हो जाता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم   बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
إِن تَمْسَسْكُمْ حَسَنَةٌ تَسُؤْهُمْ وَإِن تُصِبْكُمْ سَيِّئَةٌ يَفْرَحُوا بِهَا وَإِن تَصْبِرُوا وَتَتَّقُوا لَا يَضُرُّكُمْ كَيْدُهُمْ شَيْئًا إِنَّ اللَّهَ بِمَا يَعْمَلُونَ مُحِيطٌ  इन तमससकुम हसनतुन तसूहुम व इन तुसिबकुम सय्येअतुम यफ़रहू बेहा व इन तसबेरू व तत्तक़ू ला यज़ुर्रोकुम कैयदोहुम शैअन इन्नल्लाहा बेमा यामलून मोहीत (आले-इमरान, 120)

अनुवाद: जब कोई अच्छी बात आपको छू जाती है, तब भी उन्हें बुरा लगता है, और यदि आपके साथ कुछ बुरा होता है, तो वे इससे खुश होते हैं, और यदि आप धैर्य से काम लेते हैं। और यदि तुम परहेज़गारी करोगे तो उनकी चालें और तरकीबें तुम्हें कोई हानि नहीं पहुँचाएँगी। दरअसल, ये लोग जो कुछ भी कर रहे हैं, भगवान ने उसे वैज्ञानिक तरीके से कवर किया है।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣ मोमिनों की थोड़ी सी ख़ुशी से भी दीन के दुश्मनों का नाराज़ होना।
2️⃣ ईमानवालों का सब्र और तक़वा, दुश्मनों के धोखे और साजिशों से सुरक्षित रहने का कारण।
3️⃣ मुसलमानों की धर्म के शत्रुओं से मित्रता समाप्त करना, अप्रियता की समाप्ति का कारण।
4️⃣ मोमिन समुदाय के सामने अविश्वास का मोर्चा कमजोर होना, यदि मोमिन ईश्वर के आदेशों के अनुसार कार्य करें।
5️⃣ मुसलमानों को हमेशा दुश्मनों के धोखे और साजिश का खतरा रहता है।
6️⃣ धर्म शत्रु के षडयंत्र के विरुद्ध धर्मनिष्ठा एवं प्रतिरोध आवश्यक है।
7️⃣ इंसान का चरित्र और उसके कर्म अल्लाह के सामने हैं।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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